Ishan kishan बीसीसीआई सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर!
Ishan kishan BCCI सेंट्रल कांट्रेक्ट से बाहर, हार्दिक पांड्या अंदर। आपको बता दें कि BCCI खिलाड़ियों के साथ 4 कैटेगरी में कॉन्ट्रैक्ट करती है। A+ कैटेगरी वाले खिलाड़ियों को सालाना 7 करोड रुपए दिए जाते हैं। A कैटेगरी वाले प्लेयर्स को सालाना 5 करोड रुपए मिलते हैं। B कैटेगरी के तहत अनुबंधित खिलाड़ियों को हर साल 3 करोड रुपए दिए जाते हैं। C कैटेगरी के तहत आने वाले प्लेयर्स को प्रतिवर्ष 1 करोड़ रुपए मिलते हैं।
A+ कैटेगरी के तहत रोहित शर्मा, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा को बरकरार रखा गया है। उम्मीद थी कि मोहम्मद शमी का भी प्रमोशन होगा और वह इस कैटेगरी में डाल दिए जाएंगे, पर ऐसा नहीं हो सका। शायद वनडे वर्ल्ड कप में उनका परफॉर्मेंस इस लायक नहीं था, जिसके लिए BCCI उन्हें A+ कैटेगरी में डालती। सबसे इंटरेस्टिंग बात यह है कि हार्दिक पांड्या को A कैटेगरी में बरकरार रखा गया है
No BCCI contract for Shreyas Iyer & Ishan Ishan
— Khabri_Prasang (@Prasang_) February 28, 2024
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यह वही हार्दिक पांड्या हैं, जो वर्ल्ड कप के दौरान 2 मैच खेल कर चोटिल हो गए और अब सीधा IPL से वापस आएंगे। 6 महीने के ब्रेक के बावजूद वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के साथ 5 करोड रुपए सालाना का कॉन्ट्रेक्ट साइन करने में सफल रहे। श्रेयस अय्यर को इसलिए कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया,
श्रेयस अय्यर ने इसी वर्ल्ड कप के दौरान भारत के लिए नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते हुए 500 रन बनाने का कीर्तिमान अपने नाम किया था। सिर्फ एक रणजी मैच ना खेलना उन पर भारी पड़ गया। ishan kishan को लगातार बेंच पर बिठाया गया। ऐसे में वह नाराजगी में भारतीय टीम से बाहर चले आए। ishan kishan हार्दिक पांड्या के साथ ही बड़ौदा में स्थित किरण मोरे एकेडमी में अभ्यास कर रहे थे।
इसके बाद दोनों खिलाड़ी एक साथ मुकेश अंबानी द्वारा आयोजित डी वाई पाटिल क्रिकेट टूर्नामेंट 2024 खेलने मुंबई आए। हार्दिक पांड्या चाहते तो बड़ौदा की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेल सकते थे। उन्होंने इसकी बजाए प्राइवेट T-20 क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने सही समझा। फिर भी हार्दिक पांड्या BCCI से A कैटेगरी का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में सफल रहे। गलती सिर्फ श्रेयस अय्यर और ishan kishan की है। शायद उन दोनों के लिए कोई बोलने वाला नहीं है, इसलिए भी उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई कर दी गई।
हार्दिक पांड्या पिछले 4 महीने से टीम इंडिया के लिए कोई मैच नहीं खेले, इसके बावजूद उन्हें ग्रेड ए का सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट मिला है, जिस पर सवाल खड़े होने लगे हैं। श्रेयस अय्यर और ishan kishan को BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट से बाहर किए जाने के बाद बवाल मच गया है। हार्दिक पंड्या के कॉन्ट्रेक्ट को रिटेन करने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कुछ सप्ताह पहले BCCI ने साफ-साफ कह दिया था
Ishan kishan वर्ल्ड कप के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज के बाद से ही टीम इंडिया के लिए नहीं खेले। वह मानसिक थकान का हवाला देकर साउथ अफ्रीका दौरे से चले आये थे,श्रेयस अय्यर और ईशान से कॉन्ट्रेक्ट छीने जाने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिर हार्दिक पांड्या को उनकी तरह ट्रीट क्यों नहीं किया गया,
2018 वही साल है, जब हार्दिक को पहली बार कमर की समस्या हुई थी। 2018 एशिया कप में मैच के दौरान उन्हें स्ट्रेचर से मैदान से बाहर ले जाया गया था। उसके बाद तो उन्हें सर्जरी करवारी पड़ी। 2020 में भी उन्हें सर्जरी से गुजरना पड़ा। जिस वजह से वह लंबे समय तक मैदान से दूर रहे थे। उन्होंने IPL 2022 में वापसी करते हुए गुजरात टाइटंस को उसके डेब्यू सीजन में ही चैंपियन बना दिया था। इसके बाद उन्होंने भारतीय टी-20 टीम की कप्तानी की।
जय शाह की चेतावनी के बावजूद अय्यर और ishan kishan अपनी अपनी टीमों के लिए रणजी ट्रॉफी नहीं खेले। जय शाह ने इसके बाद तमाम कॉन्ट्रेक्ट प्लेयर्स को लेटर लिखकर चेता दिया था कि घरेलू क्रिकेट ना खेलने का अंजाम बुरा होगा और अब दोनों प्लेयर्स से कॉन्ट्रेक्ट छीन लिए गए हैं। इरफान पठान अय्यर और इशान के सपोर्ट में उतरे। उन्होंने कहा कि दोनों टैलेंटेड प्लेयर हैं। उम्मीद है कि वो मजबूती के साथ वापसी करेंगे। इसके आगे उन्होंने कहा कि यदि हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ी रेड बॉल नहीं खेलना चाहते, तो क्या उन्हें और बाकी प्लेयर्स को व्हाइट बॉल डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना चाहिए। जब वें टीम इंडिया के लिए नहीं खेल रहे हो।