Aman Sehrawat ने 2008 ओलंपिक से चली आ रही परंपरा को टूटने से भी बचा लिया।

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परिचय: Aman Sehrawat, भारतीय कुश्ती के उभरते सितारे, ने हाल ही में पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें भारत का सबसे युवा ओलंपिक पदक विजेता बना दिया है। आइए जानते हैं उनके जीवन और करियर के बारे में।

भारत के लिए 57Kg वेट कैटेगरी में ओलिंपिक ब्रॉन्ज जीतने वाले अमन सेहरावत ने बताया, थोड़ा बहुत खाने का सामान भारत से लेकर आए थे। वजन भी तो देखना होता है। मैस में जाकर मैं बहुत ज्‍यादा खा लूं , फिर वजन भी तो बढ़ जाएगा। वेट कंट्रोल करने की वजह से ही देश को मेडल दिला सका। Aman Sehrawat ने भारत की झोली में पेरिस ओलिंपिक का छठा मेडल डाल दिया है।

Aman Sehrawat: भारतीय कुश्ती का उभरता सितारा

Aman Sehrawat रेसलिंग में 57 किलो मेंस फ्रीस्टाइल कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। 21 साल 24 दिन के अमन ओलिंपिक मेडल जीतने वाले सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। अमन जब से ओलिंपिक के लिए पेरिस पहुंचे हैं, उन्‍हें किसी ने मैस में नहीं देखा। ना ही उनके लिए बाहर से खाना आते हुए नहीं देखा गया। इसके पीछे की वजह का अमन ने ब्रॉन्‍ज जीतने के बाद खुद खुलासा किया।

Aman Sehrawat ने कहा कि वो कम ही बाहर निकलते हैं। वो सिर्फ कॉम्पिटिशन या फिर बाहर घूमने के वक्‍त ही नजर आएंगे। अमन ने बताया कि वो भारत से अपने साथ जो खाने का सामान आए थे, वहीं खा रहे हैं। ब्रॉन्‍ज मेडल मैच में भारतीय युवा पहलवान ने पुर्तो रिको के पहलवान डारियन क्रूज को 13-5 से हराया। वो पुर्तो रिको के पहलवान पर भारी पड़े। इसी के साथ उन्‍होंने 2008 ओलंपिक से चली आ रही परंपरा को टूटने से भी बचा लिया।

प्रारंभिक जीवन: Aman Sehrawat का जन्म 16 जुलाई 2003 को हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहड़ गांव में हुआ था। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में मिट्टी की कुश्ती से अपने करियर की शुरुआत की। उनके माता-पिता का निधन तब हुआ जब वे केवल 11 साल के थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखी।

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प्रेरणा और प्रशिक्षण: Aman Sehrawat को 2012 के लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार की सफलता से प्रेरणा मिली। उन्होंने 10 साल की उम्र में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। उनके कोच ललित कुमार ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दिया।

करियर की शुरुआत: Aman Sehrawat ने 2021 में अपना पहला राष्ट्रीय चैंपियनशिप खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने 2022 में अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। 2023 में उन्होंने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और 2024 में ज़ाग्रेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में भी स्वर्ण पदक हासिल किया।

Paris Olympics 2024: Paris Olympics 2024 में, अमन ने 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक जीता। उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पदक जीता। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें भारतीय कुश्ती का नया सितारा बना दिया है।

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Aman Sehrawat का सपना है कि वे भविष्य में और भी बड़े खिताब जीतें और भारतीय कुश्ती को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। उनकी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प ने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुंचाया है और वे आने वाले समय में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करेंगे।

Aman Sehrawat की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, अगर हम अपने सपनों के प्रति समर्पित रहें और कड़ी मेहनत करें, तो हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उनकी सफलता ने न केवल भारतीय कुश्ती को गर्वित किया है, बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी बनी है। अमन की यह यात्रा हमें यह विश्वास दिलाती है कि भारतीय कुश्ती का भविष्य उज्ज्वल है और हम आने वाले समय में और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद कर सकते हैं।

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